28 अक्टूबर 2023 के चंद्र ग्रहण का समय और ध्यान देने योग्य बातें
भारत में 28 अक्टूबर 2023 के दिन कल में चंद्र ग्रहण लगने वाला है जिसका सूतक काल 9 घंटे पहले अर्थात शाम को 4:00 ही लग जाएगा इस ग्रहण काल में और इसके सूतक काल में कई बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है
इस समय किस समय पूजा पाठ करनी चाहिए?
मंत्रो का उच्चारण करना चाहिए?
मंत्रों का उच्चारण किस समय करना चाहिए?
इन सब बातों का ध्यान अवश्य ही रखना चाहिए ग्रहण कल के समय भगवान का जाप निरंतर करते रहना चाहिए, मंत्रो का उच्चारण करना चाहिए, कहा जाता है कि इस समय मंत्रों का जाप करने से अन्य दिनों की तुलना में उसका फल कई गुना ज्यादा मिलता है अगर चंद्र ग्रहण है तो एक माला यानी की 108 बार मंत्र जपने से उसका फल एक लाख गुना प्राप्त होता है और सूर्य ग्रहण के समय किए गए जाप का फल एक करोड़ गुना प्राप्त होता है
सूतक काल के समय जो की शाम को 4:05 पर लग जाएगा इस समय भगवान के मंदिर के कपाट अपने घर के भी बंद कर देने चाहिए शाम के समय आरती नहीं करनी है जो भी कार्य करना है ईश्वर की पूजा पाठ से संबंधित उसे 4:00 से पहले संपन्न कर देना है और अगर आप कोई भोग भगवान को लगाते हैं तो वह भी आपको चार बजे से पहले कर लेना चाहिए
जैसे कि सभी जानते हैं कि ग्रहण सूर्य और चंद्रमा के बीच जब पृथ्वी आ जाती है तो लगता है लेकिन ग्रंथो के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा के बीच राहु खड़ा हो जाता है जब चोरी से अमृत मंथन के द्वारा राहु ने अमृत पी लिया था तो मोहिनी भगवान ने उनका सिर काट दिया था जिससे कुछ बंदे उनके धड़ में भी चले जाने से उनका धड़ भी अमर हो गया था इसीलिए राहु और केतु का निर्माण हुआ
चंद्र ग्रहण देर रात्रि 1:05 पर इसकाआरंभ होगाऔर इसका मोक्ष रात्रि 2:24 पर होगालेकिन इसका आरंभ 11:30 पर ही आरंभ हो जाएगा और समापन देर रात 3:56 पर होगा
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट आता है और इस दिन चंद्रमा अपनी अमृत धरती पर बरसते हैं इसी समय उनकी विशेष अनुकंपा प्राप्त करने के लिए खीर का भोग लगाया जाता है लेकिन इस बार खीर का भोग आप ना लगाए जब ग्रहण शेष हो जाएतो अगर कुछ लोग लगाना ही चाहते हैं तो ग्रहण काल समाप्त होने के बाद ही उसको भोग में लगाए
ग्रहण कल के समय बिल्कुल भी खीर को बाहर चंद्रमा की रोशनी में ना रखें इस समय क्रिस्टल चार्ज या वाटर चार्ज करने की प्रक्रिया को भी नहीं करता है अपने टैरो को चार्ज नहीं करना है इस रोशनी का प्रभाव 4 से 5 दिन तक रहता है तो इसके बाद भी आप अपनी क्रिस्टल और वाटर चार्ज की प्रक्रिया कर सकते हैं सूतक काल के समय किसी भी प्रकार की सिलाई बुनाई का कार्य भी नहीं करना चाहिए
ग्रहण के समय आप हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं और जो आप मंत्रों का उच्चारण करते हैं किसी भी मंत्रो को लेकर आप उनका उच्चारण कर सकते हैं