GANESH CHATURTHI 2024

The Story Of Loed Ganesha’s Birth And Significance / गणेश चतुर्थी 2024 व्रत कथा/भगवान गणेश के जन्म और महत्व की कहानी/ 

GANESH CHATURTHI 2024 

The Story Of Loed Ganesha’s Birth And Significance / गणेश चतुर्थी 2024 व्रत कथा/भगवान गणेश के जन्म और महत्व की कहानी/

गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से भी प्रसिद्धि प्राप्त है

भारत के अन्य त्योहारों के साथ-साथ गणेश चतुर्थी का त्यौहार भी एक पूजनीय त्योहार माना जाता है।  जिसमें भगवान गणेश जो की विघ्नहर्ता के नाम से विख्यात है इनकी आराधना की जाती है।

इस त्यौहार के दिन व्रत उपवास करके भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है और व्रत कथा को सुनकर अपने मन को पावन किया जाता है। 

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The Birth Of Lord Ganesha

The Birth Of Lord Ganesha

एक समय की बात है भगवान शिव की पत्नी मां पार्वती ने अपने लिए एक संरक्षक बनने का निर्णय किया था वह चाहती थी कि कोई ऐसा व्यक्ति हो जो उनकी रक्षा करें और बिना उनकी अनुमति को किसी को भी निजी आवास में अंदर प्रवेश करने ना दे। 

एक दिन जब भगवान शिव ध्यान में मग्न थे तो उसे समय मां पार्वती ने यह निर्णय किया, उन्होंने हल्दी का लेप जो कि नहाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है एकत्र किया और उसे एक छोटे लड़के के आकार में बनाया  फिर अपनी दिव्य शक्तियों का उपयोग करके उन्होंने मूर्ति में प्राण डाल दिए। और इस प्रकार एक सुंदर लड़का उत्पन्न हुआ ,मां पार्वती ने उनका नाम गणेश रखा और उन्हें अपना पुत्र घोषित किया उन्होंने गणेश भगवान को कक्ष के प्रवेश द्वार पर निगरानी करने के लिए खड़ा कर दिया और यह आदेश दिया कि किसी को भी अंदर प्रवेश करने ना दिया जाए। 

The Confrontation Between Lord Shiva And Ganesh

 

The Confrontation Between Lord Shiva And Ganesh

कुछ समय के पश्चात भगवान शिव जब घर लौटे तो वह मां पार्वती के कक्ष में प्रवेश करना चाहते थे किंतु गणेश भगवान ने अपनी मां के आदेशों का पालन करते हुए उन्हें अंदर जाने से मना किया, शिव भगवान इस बात से अनजान थे कि यह लड़का कौन है और वह क्रोधित हो गए और उन्होंने अंदर जाने की मांग की लेकिन भगवान श्री गणेश देवता से माफी मांगी, और उनकी आज्ञा का पालन करते रहे और उन्होंने उनको अर्थात भगवान शिव को अंदर जाने की अनुमति प्रदान नहीं की। 

छोटे लड़के की इस बात से क्रोधित होकर भगवान शिव ने क्रोध में आकर उन्होंने अपने त्रिशूल से भगवान श्री गणेश जी का सिर काट दिया, जब देवी मां पार्वती बाहर निकलकर आई और अपने बेटे को मूर्छित पड़ा देखा तो वह दुख से भर गई, उन्होंने भगवान शिव को सारी सच्चाई बताई और उन्होंने अपने बेटे को फिर से मांगने कीआराधना की। 

इस पर भगवान शिव ने मां पार्वती को सांत्वना दी,कि गणेश भगवान के जीवन फिर से उन्हें लाकर देंगे उन्होंने अपने सैनिकों को उत्तर की ओर जाने और सबसे पहले मिलने वाले सिर  को लाने का आदेश दिया, सेवक जल्द ही एक शक्तिशाली हाथी के सिर के साथ वापस जब आए तो भगवान शिव ने हाथी के सिर  को गणेश के सिर पर रख दिया और उन्हें पुनर्जीवित कर दिया। 

इस प्रकार भगवान गणेश का हाथी के सिर के साथ पुनर्जन्म हुआ,भगवान शिव ने गणेश जी को आशीर्वाद दिया कि यह सब बाधाओ को दूर करने वाले और समस्त भगवानों की आराधना के समय सबसे पहले पूजा किए जाने वाले देवता होंगे उनकी आराधना के बिना कोई भी पूजा और धार्मिक समारोह अधूरा माना जाएगा। 

Significance Of Ganesh Chaturthi Vrat -

Significance Of Ganesh Chaturthi Vrat –

गणेश चतुर्थी के दिन भगवान के निमित्त किए जाने वाला उपवास, व्रत आदि उनके प्रति भक्ति का संदेश देता है समस्त भक्तजन या मानते हैं कि इस व्रत को करने से मनुष्य के अपने जीवन की बढ़ाएं दूर होकर उन्हें ज्ञान स्मृति और सफलता प्राप्त होती है और भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद उन्हें प्राप्त होता है

 1- इस दिन व्रत के दौरान भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं

2 – उनके मनपसंद भोग modak मोदक , मीठे पकोड़े, फल-फूल चढ़ाकर उनकी आराधना करते हैं 

3-भगवान गणेश के जन्म और महत्व की कथा सुनाई जाती है 

४ –  भक्तजन ज्ञान,धैर्य और शक्ति  से भरपूर भगवान श्री गणेश का ध्यान करते हैं और उनके आशीर्वाद  प्राप्त करने के लिए उनसे गुहार लगाते हैं यह व्रत समस्त प्रकार की खुशियों शांति और समृद्धि का प्रतीक है

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Ganesh Chaturthi Vrat / Niyam / food/method/vidhi and benefits 

Ganesh Chaturthi Vrat / Niyam / food/method/vidhi and benefits 

 

गणेश चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक त्यौहार एवं समस्त बाधाओं  को दूर करके वृद्धि,समर्द्धि और एक नई शुरुआत की प्रेरणा कारक है इसे पूरे भारत में विशेषतया  महाराष्ट्र में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है इस दिन यह मान्यता है कि इस त्यौहार को करने से, विधि विधान पालन करने से भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है सफलता और स्वास्थ्य ,समृद्धि की प्राप्ति होती है

 

व्रत नियम

 

 गणेश चतुर्थी का व्रत रखने में पवित्र और भक्ति के साथ विशेष नियमों का पालन करना सम्मिलित है

 

1 पवित्रता – व्रत की शुरुआत तन और मन  की शुद्धि के लिए अनुष्ठान स्नान से आरंभ किया जाता है अपने साथ-साथ घर और पूजा स्थान को अच्छी प्रकार से साफ सुथरा रखना चाहिए। 

 

2- उपवास- इस दिन भक्त आशिक और पूर्ण उपवास रखते हैं जो लोग उपवास करते हैं। वह फल दूध और अन्य साथ में खाद्य पदार्थों को भोजन में सम्मिलित करते हैं।  प्रत्येक व्यक्ति के उपवास करने की क्षमता अलग-अलग हो सकती है लेकिन इसमें अनाज, दाल और भारी भोजन से बचने की सलाह दी जाती है। 

 

3- सात्विक जीवन शैली– व्रत के दौरान भक्तों को सात्विक दिन व्यतीत करने का प्रोत्साहन दिया जाता है इसमें बस ध्यान, प्रार्थना और अच्छे कर्म ही सम्मिलित होने चाहिए। 

 

4- पूजा भक्ति और ध्यान – इस दिन भक्तों को अपने घर या मंदिर में भगवान श्री गणेश की पूजा अवश्य करनी चाहिए ,उनके स्वरूप का ध्यान और उनके मंत्रो  का जाप करके अपने आध्यात्मिक उत्थान के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। 

 

5- प्रसाद – गवान श्री गणेश को मोदक और लड्डू अत्यधिक प्रिय है अतः इन विशेष प्रकार की मिठाइयों को भगवान श्री गणेश की पूजा में प्रसाद के रूप में अवश्य सम्मिलित करना चाहिए

 

6- क्रोध और नकारात्मकता से बचाव- इस दिन भक्त जनों को अपने व्रत के दौरान शांत रहने और क्रोध नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए तथा सिर्फ भक्ति में लीन रहकर के प्रभु की महिमा करनी चाहिए

गणेश चतुर्थी के दिन किया जाने वाला भोजन -

गणेश चतुर्थी के दिन किया जाने वाला भोजन –

 

चतुर्थी के दिन व्रत के दौरान भक्त जनों को हल्के ,सात्विक खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल करना चाहिए। 

 

१- फल और दूध – व्रत के दौरान भक्त जनों को फल और दूध का सेवनकरना चाहिए। 

 

२- साबूदाना व्यंजन – भक्त जनों को गणेश चतुर्थी के इस व्रत में साबूदाने की खिचड़ी या साबूदाने का बड़ा और साबूदाना खीर बनाकर के उपवास में खाया जाना चाहिए। 

 

३- नारियल – व्रत के समय नारियल को अनेक प्रकार के व्यंजनों में शामिल करके इनका सेवन किया जाता है

 

४-  प्रसाद – श्री गणेश भगवान को मोदक, नारियल और गुड़ से बने हुए मीठे पकोड़े ,लड्डू और अन्य मिठाइयां भोग में लगाई जाती हैं फिर उसके पश्चात उन्हें प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है

 

५- मेवे – ऊर्जा स्तर को बनाए रखने के लिए बादाम, किशमिश और काजू का सेवन किया जाता है

 

६- कुट्टू के आटे के व्यंजन – व्रत के समय कुट्टू के आटे की बनी हुई पूरिया, पकोड़े और रोटियां बनाई जाती हैं

 

७- सामक चावल – सामक का उपयोग पुलाव जैसे व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है तो व्रत के समय खाये जाते हैं

 

 Ganesh Chaturthi Vrat  Method / गणेश चतुर्थी व्रत की विधि /

 Ganesh Chaturthi Vrat  Method / गणेश चतुर्थी व्रत की विधि /

 

भगवान गणेश की पूजा विधि में निम्नलिखित चरण सम्मिलित हैं। 

 

1- मूर्ति की स्थापना- भगवान श्री गणेश की मूर्ति की स्थापना शुभ समय,शुभ मुहूर्त के समय करें मूर्ति को जल से अच्छी प्रकार से साफ करके उन्हें सुसज्जित वेदी पर रखें। 

 

2- शुद्धिकरण – तीन बार पानी पीकर और आचमन करके खुद को शुद्ध करें। 

 

3- ध्यान और आवाहन – अपनी आंखें बंद कर भगवान श्री गणेश का अपने मन-मस्तिष्क में ध्यान करके उनको मूर्ति आमंत्रित करेंऔर मंत्रो का जाप लगातार करते रहे। 

 

4- पंचोपचार पूजा या षोडशोपचार पूजा- परंपरा के अनुसार पांच चरणों में अथवा 16 चरणों में आप पूजा कर सकते हैं इस पर भगवान श्री गणेश को फूल चंदन का लेप, धूप-दीप, नेवैध्य ( भोजन का प्रसाद) चढ़ाना सम्मिलित रहता है। 

 

५- प्रसाद चढ़ाना – भगवान श्री गणेश को मोदक ,लड्डू,फल और अन्य मिठाइयां प्रसाद के रूप में अवश्य चढ़ाएं। 

 

६- आरती – भगवान गणेश की कथा स्तुति करने के पश्चात जलते हुए दीपक से उनकी आरती अवश्य करें और उनकी लोकप्रिय आरती की जय गणेश जय गणेश, सुखकर्ता दुखहर्ता को जरूर सम्मिलित करें। 

 

७- मंत्र जाप और ध्यानकरना – इस दिन मंत्रो का जाप उच्चारण आदि करने से भगवान के विशेष कृपा प्राप्त होती है अतः उनके दिव्य रूप का पाठ करना चाहिए गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करना भी अत्यधिक लाभकारी होता है। 

 

८- प्रसाद वितरित – पूजा के पश्चात परिवार सदस्यों दोस्तों पड़ोसियों में प्रसाद को अवश्य वितरित करना चाहिए क्योंकि इससे अत्यधिक शुभ कार्य कल्याणकारी फल प्राप्त होते हैं और भगवान का आशीर्वाद के साथ-साथ अन्य लोगों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

 

Benefits Of Ganesh Chaturthi Vrat

Benefits Of Ganesh Chaturthi Vrat

 

1- समस्त बाधाओं  से मुक्ति – भगवान श्री गणेश को विघ्नहर्ता  रूप में पूजा जाता है भगवान भक्ति पूर्वक व्रत रखने वालों के जीवन में आने वाली समस्त बाधाओं और चुनौतियों को दूर करते हैं और उन्हें प्रगति प्रदान करते हैं जिससे वह अपने जीवन को सुखमय करके आगे चल सकते हैं। 

 

२- समृद्धि – गणेश चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश की पूजा के प्रतीक के रूप में श्रद्धा के साथ मनाने पर भगवान बुद्धि ,समृद्धि और सफलता प्रदान करते हैं। 

 

३- आध्यात्मिकता – भगवान गणेश का व्रत, उपवास ,-मंत्र जाप, ध्यान करने से आंतरिक शक्ति ,मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है और भगवान के साथ दिल से संपर्क स्थापित होता है

 

४- स्वास्थ्य लाभ- व्रत में सात्विक खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है जो की हल्के और पौष्टिक और जल्दी से पचने वाले होते हैं जो कि स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं

 

५- परिवारऔर मित्रों में स्नेह की भावना – समस्त परिवार गण और रिश्तेदार यह त्यौहार मिलकर के मानते हैं जिससे आपसी प्रेम- प्यार बना रहता है और रिश्तो में मजबूती रहती है

 

६- दिव्या सुरक्षा – भगवान गणेश नकारात्मक ऊर्जा और दुर्भाग्य से दूर करके सुरक्षा प्रदान करते हैं इससे भक्त जनों के जीवन में सुरक्षा का मार्गदर्शन सुनिश्चित होता है। 

 

Conclusion – 

अतः गणेश चतुर्थी का व्रत भगवान श्री गणेश की ऊर्जा से जुड़ने का एक तरीका है जिसमें नियमों का पालन करके व्रत अनुष्ठान करके भक्ति के साथ पूजा विधि संपन्न करके ज्ञान और स्मृति के साथ आध्यात्मिकता का विकास होता है जिससे मंत्र पूजा पाठ करके भगवान की आशीष अनुकंपा भी प्राप्त होती है

GANESH CHATURTHI REMEDIES

Ganesh Chaturthi Remedies

 

गणेश चतुर्थी उपाय (भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करना)

 

गणेश चतुर्थी भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करने का एक पवित्र अवसर है, जो बाधाओं को दूर करने वाले और सौभाग्य के स्वामी  हैं। इस शुभ दिन पर,जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे चुनौतियों को नियंत्रित करना, वित्तीय सुधार, स्वास्थ्य को उत्तम बनाना और समृद्धि लाना, के लिए उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए विशिष्ट उपाय किए जा सकते हैं।गणेश चतुर्थी से जुड़े कुछ शक्तिशाली उपाय दिए गए हैं:

 

  1. गणेश मंत्रों का जाप- 



 विश्वास और भक्ति के साथ भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करने से बाधाएं दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है। कुछ शक्तिशाली मंत्रों में शामिल हैं

ओम गं गणपतये नमः भगवान गणेश का आशीर्वाद और सुरक्षा प्राप्त करने के लिए यह सबसे शक्तिशाली मंत्र है।

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभा, निर्विघ्नं कुरु मे देवा सर्व कार्येषु सर्वदा*: अपने काम और प्रयासों में बाधाओं को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप करें।

 

गणेश अथर्वशीर्ष भगवान गणेश को समर्पित इस वैदिक स्तोत्र का पाठ करने से आध्यात्मिक विकास और कठिनाइयों पर काबू पाने में मदद मिलती है।

 

  1. भगवान गणेश को प्रसाद में मोदक चढ़ाना 

 

मोदक, गुड़ और नारियल से भरे मीठे पकौड़े, भगवान गणेश का पसंदीदा प्रसाद हैं। गणेश चतुर्थी पर, मोदक चढ़ाने से देवता प्रसन्न होते हैं और समृद्धि आती है। 21 मोदक चढ़ाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि यह संख्या ईश्वर से जुड़ी होती है।

 

  1. भगवान गणेश की आरती करना-

 

गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश आरती में भाग लेना या करना भक्ति के जीवन और घर से नकारात्मकता को दूर कर सकता है। आरती के दौरान उत्पन्न होने वाले कंपन, घंटी और ज्योति की ध्वनि के साथ, वातावरण को शुद्ध करते हैं और दिव्य आशीर्वाद को आकर्षित करते हैं।

 

  1. जरूरतमंदों को दान /सहायता करना

 

गणेश चतुर्थी पर, भोजन, कपड़े या पैसे दान करके जरूरतमंद लोगों की मदद करना अच्छे कर्मों को आकर्षित करने का एक शक्तिशाली उपाय है। शुद्ध मन से किया गया दान भगवान गणेश को प्रसन्न करता है, जो दान करने वाले को समृद्धि और शांति का आशीर्वाद देते हैं।

 

  1. अपने घर के प्रवेश द्वार पर गणेश की मूर्ति रखना

 

अपने घर के प्रवेश द्वार पर भगवान गणेश की एक छोटी मूर्ति या छवि रखना उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करता है, जो नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माओं से बचाता है। गणेश की मूर्ति घर के संरक्षक के रूप में कार्य करती है, जो शांति और सद्भाव सुनिश्चित करती है।

 

  1. जानवरों और पक्षियों को खिलाना

 

गणेश चतुर्थी जानवरों और पक्षियों को भोजन चढ़ाने के लिए एक अच्छा दिन है, क्योंकि भगवान गणेश सभी प्राणियों से प्यार करने के लिए जाने जाते हैं। गाय, कुत्ते या पक्षियों को भोजन कराने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और स्वास्थ्य तथा वित्तीय बाधाओं को दूर किया जा सकता है।

 

  1. गणेश चालीसा का पाठ करना –

 

गणेश चालीसा एक भक्ति भजन है जो भगवान गणेश के गुणों और शक्ति की प्रशंसा करता है। भक्ति के साथ गणेश चालीसा का पाठ करने से आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में बाधाओं को दूर करने और मानसिक शांति और स्पष्टता लाने में मदद मिल सकती है।

 

  1. दूर्वा घास (बरमूडा घास) चढ़ाना-

 

दूर्वा घास, जिसे बरमूडा घास के रूप में भी जाना जाता है, भगवान गणेश को बहुत प्रिय है। पूजा के दौरान भगवान गणेश को दूर्वा घास की 21 पत्तियाँ चढ़ाने से इच्छाओं की पूर्ति और चुनौतियों पर काबू पाने में मदद मिल सकती है।

 

  1. पूजा में लाल कपड़ा रखना-

 

गणेश चतुर्थी पूजा के दौरान, भगवान गणेश की मूर्ति के नीचे लाल कपड़ा रखना बहुत शुभ माना जाता है। लाल भगवान गणेश का पसंदीदा रंग है, और माना जाता है कि यह उपाय आपके जीवन में सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

 

  1. घी का दीपक जलाना-

 

गणेश चतुर्थी के दौरान भगवान गणेश की मूर्ति के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाने से आपके जीवन में आध्यात्मिक प्रकाश आता है। यह अंधकार (अज्ञानता) को दूर करने और दिव्य ज्ञान और सकारात्मकता के आगमन का प्रतीक है।

 

  1. “श्री गणेशाय नमः” लिखना –

 

गणेश चतुर्थी के दिन, लाल कलम से कागज के एक टुकड़े पर 108 बार “श्री गणेशाय नमः” लिखना भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने का एक शक्तिशाली उपाय है। यह अभ्यास चुनौतियों को नियंत्रित करने, नए व्यापार शुरू करने और सफलता निश्चित करने में मदद करता है।

 

  1. रुद्राक्ष या गणेश पेंडेंट धारण करना- 

 

गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश का पेंडेंट या रुद्राक्ष की माला 

भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए उपाय करें।  मंत्रों के माध्यम से, प्रसाद, दान या अनुष्ठानों के माध्यम से, ये अभ्यास बाधाओं पर काबू पाने, ज्ञान प्राप्त करने और जीवन में सफलता और समृद्धि सुनिश्चित करने में सहायता करते हैं। इन उपायों को करने में भक्ति और ईमानदारी उनकी प्रभाव को बढ़ाती है,जिससे  जीवन में शांति और खुशी भरपूर आती है।

 

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