ओम अर्थ जिसे ओंकार भी कहा जाता है या इसे प्रणव भी कहते हैं ओम शब्द ढाई अक्षरों से मिलकर बना है ओम ही संपूर्ण विश्व ब्रह्मांड का सार है ओम शब्द ही समस्त धर्मों और अर्थों में विद्यमान है ओम शब्द कल्याणकारी है समस्त ब्रह्मांड है
संपूर्ण सृष्टि की उत्पत्ति ओम से हुई है ओम को ही प्रथम ध्वनि माना जाता है श्री भागवत गीता में भी ओमकार को एकाक्षर ब्रह्म स्वरूप माना जाता है ओम का चिन्ह अद्भुत है इसके दर्शन मात्र से ही मानव का पूर्ण कल्याण होता है पूरे ब्रह्मांड को ओम के प्रकाश से वितरित किया गया है
इसे अनाज भी कहते हैं संपूर्ण ब्रह्मांड में अनवरत जारी है तपस्वी यों और ध्यान यों ने ध्यान की गहरी अवस्था में कोई ऐसी ध्वनि को लगातार सुना है वह ध्वनि ओम ही है
ओम का अर्थ और महत्व
ओम को सबसे पहले उपनिषद के जुड़े हुए वेदांत से लिया गया है इसका अर्थ ब्रह्मांड ध्वनि, रहस्यमय शब्द, दिव्य चीजों का प्रतिज्ञान है ओम चमत्कारिक प्रतीक है यह स्वयं को परमात्मा से मिलाता है ओम शब्द का उच्चारण हम पूजा, धार्मिक कार्यों ,शादियों, अनुष्ठानों ,ध्यान और आध्यात्मिक अभ्यास से पहले करते हैं
ओम शब्द 3 शब्दों से मिलकर बना है अ ,उ ,म
इसके उच्चारण मात्र से ही ईश्वर का अद्भुत अनुभव होता है उनकी पहचान होती है जोकि ब्रह्मांड के आदि, मध्य और अंत का स्त्रोत है इसकी अनेक व्याख्यान हैं
अ – ब्रह्मा- शरीर के निचले हिस्से में कंपन करता है
उ – विष्णु- शरीर के मध्य भाग में ह्रदय कंपन करता है
म -शिव- शरीर के ऊपरी भाग मस्तिष्क में कंपन करता है
भूत भविष्य वर्तमान सब में ओंकार ही है यह तीनों कालों से परे है हमारे ऋषि-मुनियों ने ओम के ध्यान से ही मोक्ष को प्राप्त किया है ओम के निरंतर ऑर्गन अवस्था में ध्यान करके ब्रह्मांड आत्मा ईश्वर के रहस्यों को प्रकट किया है
इस संपूर्ण ब्रह्मांड में ओम की ध्वनि विराजमान है प्रत्येक कण कण में आप ईश्वर की असीम ऊर्जा को महसूस कर सकते हैं ओम की ध्वनि को ध्यान और मौन की अत्यंत गंभीर अवस्था में सुना जा सकता है उसके लिए मन को शांत करके एकाग्रता और ध्यान में तल्लीन होने की आवश्यकता है
शुरुआती दौर में ओम का उच्चारण करते समय हो सकता है कि आपको किसी भी प्रकार की ध्वनि सुनाई ना दे लेकिन जैसे ही आप ओम का उच्चारण करते हैं इसमें देवी ऊर्जा विद्यमान है धीरे-धीरे यह दिव्य ऊर्जा जब आप के मुख से निकलकर ब्रह्मांड की तरंगों में वितरित होती है तो धीरे-धीरे यह आपके मन मस्तिष्क पर भी अपना प्रभाव डालती है और जब आप गहन अवस्था में पहुंच जाते हैं तो छोटी से छोटी चीज में भी आपको यह ध्वनि सुनाई देने लगती है इसके लिए मन का शांत होना बहुत जरूरी है
ओम का किस प्रकार उच्चारण करना चाहिए?
ओम एक वैदिक ध्वनि है वैदिक ध्वनियों और ॐ जैसे पवित्र शब्दों का उच्चारण करने के लिए कुछ निर्देशों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है आप कहीं पर भी ओम का उच्चारण कर सकते हैं किंतु आप को ध्यान रखना है कि आप जिस भी जगह पर ओम का उच्चारण करें वह जगह शांत तो होनी चाहिए आपका मन इधर-उधर भटकना नहीं चाहिए
ओम का उच्चारण करते समय विशेष का ध्यान रखा जाता है ताकि उसके प्रभावी परिणाम मिल सके और यह ध्वनि हमारे मन-मस्तिक तक अच्छी तरीके से पहुंच सके ताकि आध्यात्मिकता का अनुभव किया जा सके
ओम का जाप करने की विधि
१-ओम का उच्चारण करने के लिए आप एक ऐसे स्थान का चुनाव करें जो शांति प्रिय हो जिसमें आपको शुरुआती दौर में ध्यान लगाने में सुविधा हो यह स्थान आपका स्वयं का घर भी हो सकता है या आप किसी बगीचे में प्रकृति के साथ जोड़ करके भी उनका अभ्यास कर सकते हैं
२- ओम का अभ्यास करने के लिए आपकी रीढ़ की हड्डी सिर और गर्दन एक सिधाई में होना चाहिए
३-सर्वप्रथम दोनों हाथ जोड़कर आंखें बंद करके आप जिस भी ईश्वर की पूजा आराधना करते हैं उनका ध्यान मन में कीजिए और उनसे प्रार्थना कीजिए कि आप जो यह वैदिक मंत्र का उच्चारण कर रहे हैं उसमें आपका ध्यान और आपकी भक्ति पूर्णता सम्मिलित रहे और अपने मस्तिष्क पर ओम के चित्र को भलीभांति अंकित कर ले ऐसा महसूस करें कि आपके मस्तिष्क पर चित्र हो चुका है और 2 मिनट तक उसका भली-भांति ध्यान करें इसके बाद आप ओम की ध्वनि का उच्चारण करें
४-ओम का उच्चारण करने के लिए एक गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए ओम बोलना शुरू करें
५- ओम की ध्वनि आपके नाभि से निकलते हुए, आपके हृदय से होते हुए, गले में म की ध्वनि में परिवर्तित होकर सिर के मुकुट तक पहुंचे ऐसा कंपनी आपको महसूस होना चाहिए
इसका उच्चारण 5,7,10 ,21 बार धीरे-धीरे अथवा बोलकर कर सकते हैं किंतु शुरुआती दौर में बोलकर ही करना चाहिए ताकि आपकी ध्वनि ब्रह्मांड में गूंजे और ब्रह्मांड की उर्जा आपके शरीर के अंदर प्रवेश कर सके धीरे-धीरे अभ्यास के बाद आप मन ही मन इस मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं ओम का जाप रुद्राक्ष की माला या किसी भी प्रकार की माला के साथ कर सकते हैं
ओम मंत्र के जाप के फायदे
१- ओम की निरंतर जाप , मनन, ध्यान से एकाग्रता बढ़ती है
२- ओम के जाप से हृदय शांत होता है
३- ओम के जाप से मन विचलित नहीं होता है और धीरे-धीरे संतुलित अवस्था में आता है
४- ओम के जाप से धीरे-धीरे सकारात्मकता का विकास होता है
५- ओम के जाप से प्राण शक्ति का संचार होता है उसके कंपन से अधिक ऊर्जा प्राप्त करके आपकी जीवन शक्ति बढ़ जाती है
६- ओम के जाप से शारीरिक और मानसिक दोनों ही प्रकार के तनाव में शांति प्राप्त होती है
७- ओम के जाप से मानसिक ऊर्जा प्राप्त होती है
८- ओम के जाप से विचारों में शांति और स्थिरता आ जाती है
९- ओम समस्त दुखों का विनाशक है
१०- ओम के जाप से ब्लड प्रेशर भी संतुलित होता है
११- उनकी जाप करते समय जब कंपन आपके गले में पहुंचता है तो उस उच्चारण से आपकी थायराइड ग्रंथि पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है
१२- अगर किसी भी प्रकार की घबराहट का अनुभव हो और ओम का उच्चारण किया जाए तो गहरी सांस लेते हुए ओम का उच्चारण करने मात्र से ही किसी भी प्रकार की बेचैनी और घबराहट को दूर किया जा सकता है
१३- ओम का मंत्र जपने समय जीभ , तालु ,कंठ और फेफड़े से निकलने वाली वायु के सम्मिलित प्रभाव से संभव होता है इससे निकलने वाली ध्वनि शरीर के सभी चक्र हारमोंस स्राव करने वाली ग्रंथियों से टकराकर उन्हें संतुलित बनाती है
Om meaning which is also called Omkar or it is also called Pranav. The word Om is made up of two and a half syllables. Om is the essence of the entire universe. The word Om is present in all religions and meanings.
The origin of the whole creation is from Om, Om is considered to be the first sound. Even in Shri Bhagwat Gita, Omkar is considered as one letter Brahma Swarup. distributed by light
It is also called grain, it continues continuously in the whole universe, ascetics and meditators have heard such a sound continuously in the deep state of meditation, that sound is Om only.
Meaning and Importance of Om
Om is first derived from the Vedanta associated with the Upanishads. It means the cosmic sound, the mystical word, the affirmation of divine things. Om is the miraculous symbol. It unites oneself with the divine. ,do before meditation and spiritual practice
The word Om is made up of three words A, U, M.
God’s wonderful experience is felt only by its pronunciation, he is identified which is the source of the beginning, middle and end of the universe. There are many lectures on this.
A – Brahma – vibrates in the lower part of the body
U – Vishnu – The heart vibrates in the middle of the body
M – Shiva – vibrates in the upper part of the body, in the brain
Omkar is present in everything, past, future, present, it is beyond all three times, our sages and sages have attained salvation by meditating on Om, by meditating on the constant state of Om, the universe soul has revealed the secrets of God.
The sound of Om resides in this entire universe. In every particle of the universe, you can feel the infinite energy of God. The sound of Om can be heard in the most intense state of meditation and silence, for that calms the mind and engrosses in concentration and meditation. need to be
In the beginning, while pronouncing Om, you may not hear any kind of sound, but as soon as you pronounce Om, there is divine energy present in it. If it is distributed in the mind, then gradually it affects your mind and brain as well and when you reach deep state, then you start hearing this sound even in the smallest thing, for this it is very important to calm the mind.
How to pronounce Om?
Om is a Vedic sound. It is very important to follow some instructions to pronounce Vedic sounds and holy words like Om. You can pronounce Om anywhere but you have to keep in mind that wherever you pronounce Om Do that place should be calm, your mind should not wander here and there
Special care is taken while pronouncing Om so that it can get effective results and this sound can reach our mind and brain in a good way so that spirituality can be experienced.
method of chanting om
1- To pronounce Om, you should choose a place that is peaceful, in which you can meditate in the initial stages, this place can be your own house or you can connect with nature in a garden. can practice them
2- To practice Om, your spine, head and neck should be in a straight line.
3-First of all, by folding both hands and closing your eyes, meditate on the God whom you worship in your mind and pray to him that your meditation and your devotional perfection should be included in the chanting of this Vedic mantra and your brain But mark the picture of Om well, feel that the picture has been made on your mind and meditate on it for 2 minutes, after that you should pronounce the sound of Om.
4-To pronounce Om take a deep breath and while exhaling start saying Om
5- You should feel the sound of Om coming out of your navel, passing through your heart, converting into the sound of M in your throat and reaching the crown of your head.
You can pronounce it 5,7,10,21 times slowly or by speaking, but in the initial phase it should be done by speaking only so that your sound resonates in the universe and the energy of the universe can enter inside your body. You can chant this mantra in your mind, you can chant Om with Rudraksh rosary or any type of rosary.
Benefits of chanting Om Mantra
1- Continuous chanting of Om, meditation, concentration increases
2- Chanting of Om calms the heart
3- By chanting Om, the mind does not get distracted and gradually comes to a balanced state.
4- Chanting of Om gradually develops positivity
5- By chanting Om, Prana Shakti is transmitted and your life force increases by getting more energy from its vibrations.
6- Chanting of Om gives peace in both physical and mental stress.
7- Mental energy is obtained by chanting Om
8- Chanting Om brings peace and stability in thoughts
9- Om is the destroyer of all sorrows
10- Blood pressure is also balanced by chanting Om.
11- When the vibration reaches your throat while chanting them, that pronunciation also has a positive effect on your thyroid gland.
12- If any kind of nervousness is experienced and Om is pronounced, then just by chanting Om while taking a deep breath, one can get rid of any type of anxiety.
Thank u so much mam nice information
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद मैम आपने हमें अच्छी इंफॉर्मेशन दी कि सच में हमें उनके बारे में बताएं कि हम आंखें बंद करके उनका ध्यान करके किस तरीके से अपने लाइफ में आगे फॉलो कर सकते हैं
Om shabh mein bhut Shakti hai.🙏 Chanting se hi hum kaafi mushkile aasan kar sakte hain.
Good knowledge regarding “OM”–thanks
Bahut hi pyari prastuti
बहुत सुन्दर लिखा है.