Table of Contents
ToggleUTPANA Ekadashi 2025, including its date, timings, rituals, significance, benefits, Katha (story), and remedies:
उत्पन्ना एकादशी का परिचय
उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो पवित्र एकादशी व्रत परंपरा की उत्पत्ति का प्रतीक है। यह समर्पित है भगवान विष्णु, और माना जाता है कि इस व्रत को करने से पाप धुल जाते हैं, दिव्य आशीर्वाद मिलता है और भक्तों को प्राप्ति में मदद मिलती है मोक्ष (मुक्ति).
में 2025, Utpanna Ekadashi falls on Saturday, November 15.
उत्पन्ना एकादशी 2025 की तिथि और समय
- एकादशी तिथि आरंभ: 14 नवंबर 2025, रात 9:45 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 15 नवंबर 2025, शाम 7:30 बजे
- पारण का समय (उपवास तोड़ने का): 16 नवंबर, 2025, सुबह 6:20 बजे से सुबह 8:50 बजे के बीच
Significance of Utpanna Ekadashi
उत्पन्ना एकादशी मानी जाती है first Ekadashi और का प्रतीक है एकादशी देवी का प्राकट्य, जो भक्तों को पापों और नकारात्मक कर्मों से बचाता है। इस व्रत को करने से लाभ होता है:
- अतीत और वर्तमान के पापों को दूर करें
- दैवीय सुरक्षा और सफलता प्रदान करें
- आध्यात्मिक विकास और मोक्ष की ओर ले जाएं
- शांति, धन और समृद्धि लाओ
उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा (पौराणिक कथा)
के अनुसार Bhavishya Purana, नाम का एक शक्तिशाली दानव जब तक देवताओं को परेशान किया और पूरे ब्रह्मांड में बुराई फैलाई। देवताओं ने मदद मांगी भगवान विष्णु, जिसने मुरा से लड़ाई की लेकिन क्षण भर के लिए थक गया और आराम करने लगा Badrikashram. इस अवसर का लाभ उठाकर मुरा ने भगवान विष्णु पर आक्रमण करने का प्रयास किया।
उसी क्षण, ए विष्णु के शरीर से दिव्य स्त्री ऊर्जा निकली और मुरा को तुरंत नष्ट कर दिया। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उनका नामकरण किया Ekadashi Devi और उसे वरदान दिया कि जो लोग एकादशी का व्रत करेंगे वे सभी पापों से मुक्त हो जायेंगे और मोक्ष प्राप्त करेंगे।
इस प्रकार, उत्पन्ना एकादशी, एकादशी देवी के जन्म का प्रतीक है और एकादशी व्रत की शुरुआत.
उत्पन्ना एकादशी के अनुष्ठान और व्रत
इस एकादशी को श्रद्धापूर्वक करने से आध्यात्मिक और भौतिक आशीर्वाद प्राप्त होता है। अनुष्ठानों में शामिल हैं:
दशमी (10वां चंद्र दिवस) पर तैयारी
- ही खाओ sattvic food (प्याज, लहसुन या अनाज के बिना शाकाहारी) सूर्यास्त से पहले।
- घर को शुद्ध करो और एक पवित्र वेदी तैयार करो.
- Take a vow (Sankalp) व्रत को निष्ठापूर्वक करना.
Fasting on Ekadashi
उपवास के तीन स्तर हैं:
- Nirjala Fast: 24 घंटे तक न खाना, न पानी.
- Phalahar Fast: केवल फल, दूध और मेवे।
- आंशिक उपवास: अनाज, दाल या फलियों के बिना एक साधारण भोजन।
एकादशी पर सुबह की रस्में
- ब्रह्ममुहूर्त में जल्दी उठें।
- पवित्र स्नान करें (अधिमानतः गंगा जल के साथ)।
- भगवान विष्णु की पूजा करें, घी का दीपक और धूप जलाएं।
- विष्णु सहस्रनाम और उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
दिन के समय अभ्यास
- विष्णु के नाम का जप करें – “ओम नमो भगवते वासुदेवाय।”
- दान का अभ्यास करें – जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े या पैसे का दान करें।
- पवित्रता बनाए रखें – क्रोध, झूठ और गपशप से बचें।
शाम की रस्में
- विष्णु आरती करें और भक्तिपूर्ण भजन गाएं।
- जागते रहो (जागरण) और विष्णु के नाम का ध्यान करें.
Parana (Breaking the Fast) on Dwadashi
पर व्रत का समापन करना चाहिए 16 नवंबर 2025, अनुशंसित समय के दौरान सेवन करके sattvic food.
उत्पन्ना एकादशी के आशीर्वाद को अधिकतम करने के उपाय
- भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते अर्पित करें – दिव्य आशीर्वाद लाता है.
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें – शांति और समृद्धि सुनिश्चित करता है.
- अन्न और वस्त्र का दान करें – अच्छे कर्म और वित्तीय स्थिरता को आकर्षित करता है।
- पीपल के पेड़ के पास घी का दीपक जलाएं – ग्रह दोष दूर करता है.
- गाय को हरी घास और गुड़ खिलाएं – भाग्य और सफलता सुनिश्चित करता है।
एकादशी व्रत के वैज्ञानिक एवं स्वास्थ्य लाभ
- शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है – अनाज और भारी भोजन से परहेज करने से सिस्टम साफ होता है।
- पाचन और चयापचय में सुधार करता है -उपवास पेट के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
- मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है – तनाव कम होता है और फोकस में सुधार होता है।
- ऊर्जा के स्तर को संतुलित करता है – तीन दोषों (वात, पित्त और कफ) को नियंत्रित करता है।
उत्पन्ना एकादशी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)।
क्या गर्भवती महिलाएं उत्पन्ना एकादशी का व्रत रख सकती हैं?
हां, लेकिन वे इसका विकल्प चुन सकते हैं फल और दूध आहार सख्त उपवास के बजाय।
2. क्या बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति यह व्रत रख सकते हैं?
स्वास्थ्य संबंधी चिंता वाले लोग इसका अनुसरण कर सकते हैं phalahar vrat (fruit-based fasting).
3.एकादशी की रात को क्यों जागना चाहिए?
जागते रहना (जागरण) आध्यात्मिक चेतना को बढ़ाता है और दिव्य आशीर्वाद को आकर्षित करता है।
4. क्या एकादशी का व्रत जल्दी तोड़ा जा सकता है?
नहीं, व्रत तोड़ देना चाहिए only after sunrise on Dwadashi Tithi.
5.एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
मांसाहारी भोजन, अनाज, दालें, प्याज, लहसुन और शराब से सख्ती से बचना चाहिए।
नकारात्मक वाणी, वाद-विवाद और क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा।
निष्कर्ष
उत्पन्ना एकादशी, को मनाई जाती है 15 नवंबर 2025, एक है शक्तिशाली उपवास दिवस वह अनुदान देता है दिव्य आशीर्वाद, पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक विकास. अनुगमन करते हुए उपवास, प्रार्थना और दान, भक्त न केवल अपनी आत्मा को भी शुद्ध करते हैं वैकुंठ (भगवान विष्णु का दिव्य निवास) का मार्ग सुरक्षित करें.
इस पवित्र दिन को भक्तिपूर्वक मनाने से व्यक्ति करीब आता है भगवान विष्णु और परम मुक्ति (मोक्ष), उच्चतम आध्यात्मिक लक्ष्य को पूरा करना।
एकादशी माता की आरती (Ekadashi Mata Ki Aarti)
ॐ जय एकदशी, जय एकदशी, जय एकदशी माता।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥
ॐ जय एकादशी…॥
तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥
ॐ जय एकादशी…॥
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष में विश्वतरणी का जन्म हुआ था।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई॥
ॐ जय एकादशी…॥
पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है।
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै॥
ॐ जय एकादशी…॥
नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै॥
ॐ जय एकादशी…॥
विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ल आमलकी।
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की॥
ॐ जय एकादशी…॥
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली।
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली॥
ॐ जय एकादशी…॥
शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी।
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी॥
ॐ जय एकादशी…॥
योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी॥
ॐ जय एकादशी…॥
कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण श्वेत हो और पवित्र आनंद में रहे।
ॐ जय एकादशी…॥
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ल।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला॥
ॐ जय एकादशी…॥
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी॥
ॐ जय एकादशी…॥
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया॥
ॐ जय एकादशी…॥
परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी॥
ॐ जय एकादशी…॥
जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै॥
ॐ जय एकादशी…॥
————————————————————————————————–
EKADASHI KI AARTI
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
परब्रह्म, सर्वोच्च भगवान, आप सभी के भगवान हैं। ॐ जय…॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥
SHRI SHIV SAHASTRANAAM NIYAM/VIDHI/BENEFITS
श्री शिव सहस्रनाम (नियम, विधि और लाभ) नियम (Niyam) शारीरिक शुद्धि: प्रातः स्नान करें और स्वच्छ, श्वेत या हल्के रंग के वस्त्र धारण करें। यदि
SHRI GANESH SAHASTRANAAM/NIYAM/VIDHI/BENEFITS
SHRI GANESH SAHASTRANAAM/श्री गणेश सहस्रनाम/NIYAM/VIDHI/BENEFITS (नियम, विधि और लाभ) नियम (Niyam) शारीरिक शुद्धि: प्रातः स्नान कर के शुद्ध एवं स्वच्छ वस्त्र पहनें। विशेष रूप
SHRI KRISHNA SAHASTRANAAM/NIYAM /VIDHI /BENEFITS
SHRI KRISHNA SAHASTRANAAM/NIYAM /VIDHI /BENEFITS नियम (Niyam) शारीरिक शुद्धि: प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। पीले, सफेद या रेशमी वस्त्र पहनना विशेष शुभ माना
SHRI GAYATRI SAHASTRANAAM NIYAM/VIDHI AND BENEFITS
SHRI GAYATRI SAHASTRANAAM NIYAM/VIDHI AND BENEFITS नियम (Niyam) शारीरिक शुद्धि: प्रतिदिन प्रातःकाल स्नान करें। स्वच्छ, हल्के रंग के वस्त्र (विशेषकर सफेद, पीला या केसरिया) पहनें।

श्री दुर्गा सहस्त्रनाम
SHRI DURGA SAHASTRANAAMश्री दुर्गासहस्रनाम Rules (Vidhi) and Discipline (Niyam) तैयारी (शारीरिक और मानसिक) Purity (Shuddhi): सुबह जल्दी स्नान करें. सकारात्मक ऊर्जा के लिए साफ कपड़े

श्री लक्ष्मी सहस्त्रनाम
SHRI LAXMI SAHASTRANAAM श्री लक्ष्मी सहस्त्रनाम का पाठ करने के अनेक लाभ हैं, जैसे कि धन, समृद्धि, भाग्य, और पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति. यह दुर्भाग्य, कष्ट,
SHRI SARSWATI SAHASTRANAAM
SHRI SARSWATI SAHASTRANAAM ॐ वाचे नमः। ॐ वाण्यै नमः। ॐ वरदायै नमः। ॐ वन्द्यायै नमः। ॐ वरारोहायै नमः। ॐ वरप्रदायै नमः। ॐ वृत्त्यै नमः। ॐ

JYESTHA AMAVASYA 2025 TIME/DATE/ KATHA /RITUALS /REMEDIES
JYESTHA AMAVASYA 2025 TIME/DATE/ KATHA /RITUALS /REMEDIES ज्येष्ठ अमावस्या 2025 – संपूर्ण विवरण 🗓️ दिनांक एवं समय तारीख: मंगलवार, 27 मई 2025 अमावस्या तिथि प्रारंभ:

Dev Uthani Ekadashi in 2025 DATE TIME RITUALS IMPORTANCE KATHA BENEFITS ALL IN DETAIL
Dev Uthani Ekadashi 2025 –DATE AND TIME दिनांक एवं समय तारीख: सोमवार, 3 नवंबर 2025 एकादशी तिथि आरंभ: 2 नवंबर 2025 को सुबह 06:52 बजे

UTPANNA EKADASHI 2025: Date, Time, Vrat Katha, Rituals, and Remedies
Margashirsha Krishna Ekadashi (Utpanna Ekadashi) 2025 /DATE /TIME/ RITUALS/KATHA/IMPORTANCE/ उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो पवित्र एकादशी व्रत परंपरा की

RAMA EKADASHI 17th OCTOBER 2025 TIME/DATE/IMPORTANCE/KATHA /RITUALS/REMEDIS/AARTI
RAMA EKADASHI 17th OCTOBER 2025 TIME/DATE/IMPORTANCE/KATHA /RITUALS/REMEDIS/AARTI रमा एकादशी हिंदू कैलेंडर में मनाई जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण एकादशियों में से एक है। यह पर पड़ता

Parivartini Ekadashi 3rd SEPTEMBER 2025 / TIME /DATE/ IMPORTANCE/ KATHA /RITUALS/ BENEFITS/ AARTI
Parivartini Ekadashi 3rd SEPTEMBER 2025 / TIME /DATE Parsva Ekadashi, के रूप में भी जाना जाता है Parivartini Ekadashi, हिंदू चंद्र माह में एक महत्वपूर्ण

SHRI SUKTAM PATH IN HINDI
SHRI SUKTAM PATH IN HINDI श्री लक्ष्मी सूक्त (Shri Lakshmi Suktam) एक शक्तिशाली मंत्र है जो देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और धन, समृद्धि, और

Aja Ekadashi 19TH AUGUST 2025 TIME / DATE/ SIGNIFICANCE / KATHA/ RITUALS / AARTI
Aja Ekadashi 19TH AUGUST 2025 TIME / DATE/ SIGNIFICANCE / KATHA/ RITUALS / AARTI Aja Ekadashi, भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष (चंद्रमा की कला) का

Putrada Ekadashi 5TH AUGUST 2025 TIME / DATE / KATHA / SIGNIFICANCE / RITUALS / AARTI
Putrada Ekadashi 5TH AUGUST 2025 TIME / DATE / KATHA / SIGNIFICANCE / RITUALS / AARTI Putrada Ekadashi, पर अवलोकन किया गया श्रावण माह में

KANAKDHARA STROTAM
KANAKDHARA STROTAM कनकधारा स्तोत्र, एक प्राचीन संस्कृत स्तोत्र है, जो महालक्ष्मी को समर्पित है। यह स्तोत्र धन और समृद्धि के लिए प्रसिद्ध है। कनकधारा स्तोत्र

Kamika Ekadashi 2025 – Date, Time, Katha, Rituals, and Remedies
Kamika Ekadashi 2025 – Date, Time, Katha, Rituals, and Remedies कामिका एकादशी 2025 – तिथि, समय, कथा, अनुष्ठान और उपाय कामिका एकादशी भगवान विष्णु की

Devshayani Ekadashi 2025: Date, Time, Vrat Katha, Rituals, and Remedies
Devshayani Ekadashi 2025: Date, Time, Vrat Katha, Rituals, and Remedies देवशयनी एकादशी देवशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है Ashadhi Ekadashi, Padma

VAISHAKH AMAVASYA 2025 DATE TIME RITUALS KATHA REMEDIES IMPORTANCE AL IN DETAIL
DATE AND TIME 🌑 वैशाख अमावस्या 2025 – तिथि एवं समय तारीख: रविवार, 27 अप्रैल 2025 अमावस्या तिथि आरंभ: 26 अप्रैल 2025 शाम 07:39 बजे

SHATILLA EKADASHI 2026 /TIME/DATE/VRAT KATHA/ AARTI
SHATILLA EKADASHI 2026 /TIME/DATE/VRAT KATHA/ AARTI 2026 में षटतिला एकादशी 14 जनवरी को मनाई जाएगी, जो कि बुधवार का दिन है. यह एकादशी माघ महीने

Amalaki Ekadashi Vrat Katha 2026 /आमलकी एकादशी व्रत कथा 2026
Amalaki Ekadashi Vrat Katha 2026 आमलकी एकादशी कब है? आमलकी एकादशी, जिसे आंवला एकादशी भी कहा जाता है, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में मनाई

CHAITRA AMAAVASYA / Shani Amavasya – 29th March 2025: Date, Time, Rituals, Katha
CHAITRA AMAAVASYA / Shani Amavasya – 29th March 2025: Date, Time, Rituals, Katha Date and Time of Shani Amavasya 2025 शनि अमावस्या 2025 की तिथि

UTPANA Ekadashi 2025: Date, Time, Katha, Rituals, and Remedies
UTPANA Ekadashi 2025, including its date, timings, rituals, significance, benefits, Katha (story), and remedies: उत्पन्ना एकादशी का परिचय उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक अत्यधिक

Mokshada Ekadashi 2025 date,TIME ,RITUALS ,REMEDIES,KATHA
Mokshada Ekadashi 2025 date,TIME ,RITUALS ,REMEDIES,KATHA Mokshada Ekadashi 2025 date,TIME मोक्षदा एकादशी का परिचय मोक्षदा एकादशी हिंदू परंपरा में सबसे महत्वपूर्ण एकादशियों में से एक

Margashirsha Krishna Ekadashi (Utpanna Ekadashi) 2025
Margashirsha Krishna Ekadashi (Utpanna Ekadashi) 2025 उत्पन्ना एकादशी का परिचय उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो पवित्र एकादशी व्रत परंपरा

CHAITRA NAVRATRI 2025 POOJA VIDHI/DATE/TIME/SIGNIFICANCE/KATHA AARTI
CHAITRA NAVRATRI 2025 POOJA VIDHI/DATE/TIME/SIGNIFICANCE/KATHA AARTI SIGNIFICANCE OF CHAITRA NAVRATRI/DATE AND TIME इस वर्ष कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6.12 बजे से 10.22 बजे

Pausha Putrada Ekadashi 2025 Date/ Time/ Rituals/ Remedies/Katha/
Pausha Putrada Ekadashi 2025 Date/ Time/ Rituals/ Remedies/Katha/ 2025 के लिए तिथि और समय पौष पुत्रदा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित एक महत्वपूर्ण उत्सव है,

SAPHALA EKADASHI DATE, TIME, KATHA RITUALS AND REMEDIES
SAPHALA EKADASHI DATE, TIME, KATHA RITUALS AND REMEDIES हिंदू माह पौष (दिसंबर-जनवरी) में कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के घटते चरण) के दौरान मनाया जाने वाला सफला

YOGINI EKADASHI DATE /TIME / IMPORTANCE /NIYAM / VRAT KATHA /BENEFITS AND AARTI
YOGINI EKADASHI 2025 DATE /TIME / IMPORTANCE /NIYAM / VRAT KATHA /BENEFITS AND AARTI तिथि और समय तारीख: शुक्रवार, 20 जून 2025 (उपवास तोड़ना): 21

NIRJALA EKADASHI DATE/ TIME / IMPORTANCE /VRAT KATAH / AARTI
NIRJALA EKADASHI DATE/ TIME / IMPORTANCE /VRAT KATAH / AARTI साल 2025 में निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून, शुक्रवार को रखा जाएगा. इस दिन